नवरात्रि के सातवें दिन की देवी: माँ कात्यायनी की पूजा
दूसरे दिन, नवरात्रि के सातवें दिन देवी की पूजा का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है, क्योंकि इस दिन “दिव्य माँ कात्यायनी” की पूजा की जाती है। नवरात्रि के सातवें दिन, माँ कात्यायनी का पूजन बड़े धूमधाम से किया जाता है, जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
माँ कात्यायनी का महत्व:
“Day 7 Navratri Goddess”, माँ कात्यायनी को शेर पर सवार, छह भुजाओं वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। यह देवी मुख्य रूप से युद्ध की देवी मानी जाती हैं और इन्हें शक्ति, साहस, और विजय की देवी माना जाता है। भक्त माँ कात्यायनी से मानसिक और शारीरिक बल की कामना करते हैं।
माँ कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए होती है जो किसी बड़ी सफलता की उम्मीद रखते हैं, जैसे कि शिक्षा, करियर, या किसी भी प्रकार की संघर्ष में विजय प्राप्त करना। माँ कात्यायनी की पूजा से सभी प्रकार के दुखों और संकटों से मुक्ति मिलती है।
कहानी और उत्पत्ति:
माँ कात्यायनी की उत्पत्ति एक प्रसिद्ध कथा से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि एक समय, कात्यायन नामक एक तपस्वी ने देवी दुर्गा की आराधना की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने स्वयं को कात्यायनी के रूप में प्रकट किया। तब से उन्हें कात्यायनी के नाम से पूजा जाने लगा।
पूजा विधि:
नवरात्रि के सातवें दिन “Day 7 Navratri Goddess” की पूजा का महत्व बहुत है। इस दिन विशेष रूप से माँ कात्यायनी को दूध, जल, फूल, और मिष्टान्न चढ़ाकर पूजा जाती है। भक्त पूरे मन से देवी के मंत्रों का जाप करते हैं और विशेष रूप से “ॐ कात्यायनि महाक्रूरी महाक्रूरी महाक्रूरी” मंत्र का उच्चारण करते हैं। इस दिन व्रति लोग उपवासी रहते हैं और पूरे दिन देवी की पूजा में लीन रहते हैं।
विशेष रूप से इस दिन की पूजा:
सातवें दिन के अवसर पर भक्त बड़े श्रद्धा भाव से माँ कात्यायनी की पूजा करते हैं। पूजा के बाद देवी की विशेष आरती होती है और भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए पूजा की जाती है जो किसी संघर्ष से जूझ रहे होते हैं और जीवन में विजय प्राप्त करना चाहते हैं।
निष्कर्ष:
“Day 7 Navratri Goddess”, माँ कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के सप्तमी को अत्यंत फलदायक और शुभ मानी जाती है। माँ कात्यायनी से जुड़ी भक्ति और श्रद्धा न केवल भक्तों को मानसिक शांति देती है, बल्कि उनके जीवन में सफलता, साहस, और विजय की प्राप्ति भी कराती है। इस दिन देवी की पूजा के साथ-साथ समाज में शांति और समृद्धि का संचार होता है।
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